ग्राम प्रधान (सर्पंच) के कर्तव्य और जिम्मेदारियाँ ग्रामीण विकास और पंचायत संचालन में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। नीचे मुख्य कर्तव्यों की सूची दी गई है:
ग्राम प्रधान के प्रमुख कर्तव्य:
1. ग्राम पंचायत का नेतृत्व करना
1.1-ग्राम सभा और पंचायत की बैठकों की अध्यक्षता करना।
1.2-सभी पंचायत सदस्यों के बीच समन्वय बनाए रखना।
2. विकास कार्यों की निगरानी
2.1-गांव में सड़कों, नालियों, पानी, स्वास्थ्य केंद्र, स्कूल आदि का निर्माण और मरम्मत कराना।
2.2-सरकारी योजनाओं (जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, मनरेगा) को सही ढंग से लागू करना।
3. वित्तीय प्रबंधन
3.1-पंचायत फंड का सही उपयोग और लेखा-जोखा रखना।
3.2-पंचायत की आय और व्यय का रजिस्टर तैयार कराना और ग्राम सभा में प्रस्तुत करना।
4. जनकल्याण और शिकायत समाधान
4.1ग्रामीणों की समस्याएं सुनना और समाधान करना।
4.2-विवादों को सुलझाना और कानून व्यवस्था बनाए रखना (सीमित अधिकारों के अंतर्गत)।
5. सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार
5.1-सरकार की नई योजनाओं की जानकारी गांव में फैलाना।
5.2-पात्र लोगों को योजनाओं का लाभ दिलवाना।
6. शिक्षा और जागरूकता बढ़ाना
6.1-बालिकाओं की शिक्षा को प्रोत्साहन देना।
6.2-साफ-सफाई, स्वास्थ्य और पर्यावरण को लेकर लोगों को जागरूक करना।
7. ग्राम सभा का आयोजन
7.1-वर्ष में कम से कम 4 बार ग्राम सभा की बैठक कराना।
7.2-बैठक में पंचायत के कामकाज का ब्यौरा देना और लोगों की राय लेना।
8. जनगणना, मतदाता सूची और अन्य सरकारी कार्य
8.1-जनगणना, बीएलओ के साथ मिलकर वोटर सूची अद्यतन करना।
8.2-आधार, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज़ों के लिए सहयोग करना।
निष्कर्ष:
ग्राम प्रधान गाँव का सबसे ज़िम्मेदार जनप्रतिनिधि होता है। उसका कर्तव्य है कि वह अपने गाँव के लोगों की सेवा ईमानदारी और पारदर्शिता से करे, और गाँव को विकास की दिशा में आगे बढ़ाए।

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